9 May 2019 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
गर्भावस्था के चलते हमारे शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं। इन बदलाव के चलते गर्भावस्था में गैस की समस्या बहुत बढ़ जाती है। गैस की वजह से पेट का फूलना और पूरा दिन अजीब से महसूस होना आम है। इस समस्या के चलते महिलाएं कई बार तो अपना दिन भी अच्छे से नहीं एंजॉय नहीं कर पाती हैं। बस तो आपकी प्रेगनेंसी में पेट में गैस से राहत देने वाले कुछ टिप्स लेकर हम आ गए हैं।
यहां हम गर्भावस्था में पेट में गैस बनना कितना सामान्य है और प्रेगनेंसी में पेट में गैस से राहत पाने के उपाय कैसे किए जा सकते हैं, यह सब विस्तार से बताएंगे।
गर्भावस्था में पेट में गैस (Pregnancy mein Gas ki Problem) बनना काफी असहज और कभी-कभी दर्दभरा हो सकता है। प्रेगनेंसी में पेट में गैस बने तो क्या करें, इस बारे में हम आगे विस्तार से बताएंगे। लेकिन, इससे पहले गर्भावस्था में पेट में गैस बनना क्यों शुरू होता है, यह समझना आवश्यक है। गर्भावस्था में गैस बनने के कारण जानने से इससे बचाव करने और राहत पाने में मदद मिलती है।
पहले महीने से ही गर्भावस्था में पेट में गैस बनना शुरू हो जाता है। प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों से होने वाली यह पेट में गैस और पेट फुलने की परेशानी गर्भावस्था की आखिरी तिमाही तक चलती है।
गर्भावस्था में पेट में गैस और पेट फूलने के कारण तमाम हैं। लेकिन, इसका मुख्य कारण प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को माना जाता है। दरअसल, प्रेगनेंसी में शरीर प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन ज्यादा करता है, जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। रिलैक्स होने के कारण आंत की मांसपेशियां धीमी गति से काम करने लगती हैं। इससे सीधे पाचन धीमा हो जाता है, जिसके कारण प्रेगनेंसी में गैस और पेट फूलने की दिक्कत होने लगती है। गैस होने और पेट फूलने के अन्य कारण आगे जानिए –
प्रोजेस्टरोन हार्मोन के अलावा भी बहुत से कारण हैं, जिनके चलते गैस बनती है। आइए इनपर एक नजर डाल लेते हैं।
बढ़ता गर्भाशय – प्रेगनेंसी में गैस बनने के कारण में बढ़ा हुआ गर्भाशय भी शामिल है। बढ़ते गर्भाशय से पड़ने वाला दबाव पाचन को धीमा कर सकता है, जिससे अधिक गैस बन सकती है।
आहार – कुछ खाद्य पदार्थ भी प्रेगनेंसी में गैस का कारण बनते हैं। इसलिए अगर लगे कि कोई दाल या अन्य आहार खाने के बाद गैस बन रही है, तो उसे कम मात्रा में ही लें।
कमजोर पाचन शक्ति – गर्भावस्था में कमजोर पाचन शक्ति के चलते खाना आंतों में ही रह जाता है। कई बार इसके चलते प्रेगनेंसी में कब्ज हो जाती है। जब आंतों में देर तक खाना रहता है, तो गैस की समस्या हो जाती है।
सप्लीमेंट – प्री-नेटल विटामिन्स और आयरन के सप्लीमेंट, विटामिन कब्ज पैदा कर सकते हैं, जिससे प्रेगनेंसी में गैस की प्रॉब्लम हो सकती है।
गर्भावस्था में पेट में गैस बनना भले ही आम है, लेकिन गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ की जानकारी रखकर इस परेशानी को कुछ कम किया जा सकता है। आप गैस बनाने वाले पौष्टिक आहार की मात्रा को सीमित कर सकती हैं। तो कुछ इस तरह है गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ की लिस्ट –
प्रेगनेंसी में पेट में गैस बने तो क्या करें सोचने वाली महिलाएं इन उपायों को अपना सकती हैं। इससे पेट की गैस काफी हद तक कम हो जाती हैं। आगे जानिए क्या हैं प्रेगनेंसी में पेट में गैस के उपाय –
प्रसव के बाद गैस की दिक्कत दूर हो जाती है। लेकिन आप गर्भावस्था में गैस का उपचार खुद घर में नुस्खों की मदद से कर सकती हैं।
नोट: इनमें से किसी भी खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो तो उसका सेवन न करें। साथ ही इन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही आजमाएं।
परेशानी बढ़ने पर प्रेगनेंसी में गैस की दवा भी ली जा सकती है। गैस के लिए ओवर द काउंटर दवाई सीमेथिकोन अच्छी हो सकती है। डॉक्टर पेट फूलने पर एंटाएसिड्स देते हैं। लेकिन, प्रेगनेंसी में गैस की टेबलेट बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं लेनी चाहिए। इसका गर्भावस्था पर बुरा असर पड़ सकता है।
अगर अभी भी सोच रही हैं कि प्रेगनेंसी में पेट में गैस बने तो क्या करें, तो आप इन टिप्स को अपना सकती हैं। इससे गर्भावस्था में पेट में गैस बनना और पेट फूलना दोनों कम हो जाएगा।
गर्भावस्था में गैस और पेट फूलने की समस्या आम है। लेकिन, पेट में ऐंठन और दर्द बहुत तेज होने लगे या मल में खून दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही कब्ज, दस्त, लगातार उल्टी और पेट में संकुचन का एहसास होने पर भी बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं।
प्रेगनेंसी में गैस के उपाय और छोटे-छोटे टिप्स याद रखें जैसे कि बाहर का खाना और फास्ट फूड या बहुत अधिक तेल, घी, चीनी या प्रिजर्वटिव को खाने से बचें। इसके अलावा किसी को पनीर, लहसुन और कुछ सब्जियों जैसे राजमा और छोले इत्यादि से गैस बन सकती है, इसलिए इनसे परहेज करना चाहिए।
मुम्बई के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ फलक चौधरी के अनुसार, प्रेगनेंसी में ईनो ले सकते हैं (Pregnancy me ENO pi sakte hai)। पुणे की डॉ. सरिता नारायण भी कहती हैं गर्भावस्था में कभी-कभी ईनो पानी में मिलाकर ले सकते हैं। वहीं कुछ डॉक्टर का मानना है कि कैल्शियम या मैग्नीशियम-आधारित एंटासिड प्रेगनेंसी में ले सकते हैं। लेकिन सोडियम सॉल्ट आधारित एंटासिड जैसे ईनो को लेने से बचना चाहिए।
बहुत महिलाओं के मन में सवाल आता है कि प्रेगनेंसी में हिंग खा सकते हैं (Pregnancy me hing kha sakte hai) या नहीं। तो इसका जवाब है – हां, कम मात्रा में खाने बनाते समय हींग का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन, सीधे तौर पर प्रेगनेंसी में हींग लेना या हींग पानी नहीं पीना चाहिए।
सुबह उठते ही गुनगुने पीने को पीकर प्रेगनेंसी में पेट साफ किया जा सकता है। आप गुनगुना पानी में नमक डालकर पी सकते हैं।
भरपूर पानी का सेवन, फल, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ से प्रेगनेंसी में कब्ज से राहत मिलती है। प्रेगनेंसी में कब्ज का इलाज करने के लिए डॉक्टर लैक्सेटिव दे सकते हैं।
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