बांझपन एक सामान्य स्तिथी है जिसमे कोई दंपती एक वर्ष से अधिक समय तक प्राकृतिक तरीको से गर्भधारण नही कर सकता है. बांझपन उन महिलाओ मे भी हो सकता जिन्होने पहले जन्म दिया हो और इसे माध्यमिक बांझपन कहते है. बांझपन एक जोडे के लिये महत्वपूर्ण भावनात्मक परेशानी और चिंता का कारण बनता है.
महिलाओ एवं पुरुषो मे बांझपन के कारण क्या है?
- कुछ समाजो मे महिला को गर्भ धारण करने मे विफलता के लिये जिम्मेदार बताया जाता है.जबकी पुरुष भी उतना ही जिम्मेदार होता है.
- पुरुषो मे बांझपन के कारण:
- असामान्य सुक्राणु
- स्वस्थ शुक्रणूओ की कम संख्या
- शुक्राणुओ की घटती गतिशीलता
- स्तंभन दोष
- शीघ्रपतन
- अंडकोश की नसो मे सुजन
- संक्रमण
- आनुवंशिक दोष
- नलिकाओ के दोष जो शुक्राणु का परिवहन करते है
महिलाओ मे बांझपन के कारण:
- 35 वर्ष या उससे अधिक आयु
- पोलीसिस्टीक दिम्बग्र्न्थी अपर्याप्ता जैसे ओव्यूलेशन विकार
- ट्यूब ब्लोकेज
- श्रोणी सुजन संक्रमण
- गर्भाशय फिब्रोईड
- इंडोमेटरेअल पोलीप्स और इंडोमेट्रीयोसीस
- गर्भाशय ग्रीवा के आकार मे असमान्यताये
- अस्थानिक गर्भ्वास्था से संबंधित सर्जरी
बांझपन के लिये आमतौर पर उपलब्ध उपचार क्या है?
आज हमारे देश मे बांझपन उपचार ने गर्भ्वास्था की दरो मे 60% की वृद्धी की है.इसमे शामिल है:
- अंडे के विकास और ओव्यूलेशन को प्रेरित करने के लिये खाने वाली गर्भ निरोधक, क्लोमिफाइन साइटरेट, गोनाडोत्रोपीन रीलीसिंग हार्मोन और मेटफोर्मीन दवाई उपलब्ध है.
- अंतरगर्भाशाई गर्भाधान
- विट्रो मे शरीर के बाहर अंडे और शुक्राणु का निशेचन
- सेरोगेसी
- सर्जरी (फ़िब्रोइड या अल्सर हटाने के लिये
प्रजनन क्षमता बढाने के लिये प्राकृतिक उपचार:
पारंपारिक उपचार के अलावा प्राकृतिक तरीके से भी प्रजनन क्षमता को बढा सकते है. निन्म्लीखीत तरीके :
- स्वस्थ आहार प्रोटीन विटामिन प्राकृतिक जडी बुटी जैसे रेस्पबैरी पत्ती, बिचुआ पत्ती, चेस्ट बैरी पत्ती का सेवन करे और खूब पानी पिये. ध्यान रहे प्रजनन या हार्मोनल उपचार के साथ ये जडी बुटी ना ले. उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले.
- नियमित व्यायाम जैसे योग एवं जोग्गिंग
- स्वस्थ शरीर का वजन
- बेहतर नींद (कम से कम 8 घंटे )
- तनाव से बचाव
- एक कॅलेंडर ओव्यूलेशन कीट या मोबाईल एप्प उपयोग करके संभोग के लिये ओव्यूलेशन पर नजर रखे.
- चंदन और कैलामाएल तेल का उपयोग करे.
निष्कर्ष:
आज के समय मे ज्यादातर प्रजनन समस्याये जंक फूड, गलत आदतो, अस्वस्थकार जीवन्शेली के कारण है.इसके अलावा तनाव कम करना और नियमो का पालन करना निश्चित रूप से स्वस्थ बच्चे के जन्म होने मे महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.
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