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गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के सामान्य लक्षण क्या हैं?

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के सामान्य लक्षण क्या हैं?

23 Apr 2019 | 1 min Read

Ankita Mishra

Author | 409 Articles

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया (Anemia During Pregnancy in Hindi) की समस्या भी देखी जा सकती है। ऐसे में अगर आप गर्भवती होने की योजना बना रही हैं और प्रेग्नेंसी में एनीमिया की समस्या से बचाव करना चाहती हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार हो सकता है। यहां गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के लक्षण और कारण समेत गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से बचाव के उपाय (Anemia of Pregnancy Meaning in Hindi) भी बताए गए हैं।

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया क्या है? (Anemia During Pregnancy in Hindi)

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया (Anemia During Pregnancy in Hindi) क्या है, इसे जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि एनीमिया क्या है। गर्भावस्था के दौरान एनीमिया को गर्भावस्था में खून की कमी या गर्भावस्था में आयरन की कमी भी कहा जा सकता है। 

आमतौर पर हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन का अहम हिस्सा होता है। वहीं, अगर शरीर में किसी कारण हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए, तो इससे शरीर में एनीमिया की बीमारी या खून की कमी की समस्या हो सकती है। 

वहीं, गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की समस्या (Anemia of Pregnancy Meaning in Hindi) सामान्य मानी जा सकती है। दरअसल, इस दौरान शरीर को अधिक मात्रा में आयरन की आवश्यकता होती है, इसलिए गर्भावस्था में आयरन की कमी हो सकती है और एनीमिया की बीमारी हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के प्रकार (Types of Anemia During Pregnancy in Hindi)

वैसे तो एनीमिया के कई प्रकार हैं, लेकिन गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के प्रकार (Types of Anemia in Pregnancy) में मुख्य रूप से तीन प्रकार देखे जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः

  1. गर्भावस्था में आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया।
  2. गर्भावस्था में फोलेट की कमी से होने वाला एनीमिया।
  3. गर्भावस्था में विटामिन-बी12 की कमी से होने वाला एनीमिया।

प्रेग्नेंसी में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए? (What Should Be The Hemoglobin Count During Pregnancy in Hindi)

एक सामान्य महिला के शरीर में 12 से 16 ग्राम हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य माना जाता है। वहीं, किसी भी गर्भवती महिला के शरीर में 11 से 15 ग्राम हीमोग्लोबिन का सामान्य माना जाता है। हालांकि, अगर इससे अधिक मात्रा में गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए, तो इसे गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की बीमारी मानी जा सकती है।

प्रेग्नेंसी में एनीमिया या गर्भावस्था में खून की कमी के लक्षण (Anemia During Pregnancy Symptoms in Hindi)

प्रेग्नेंसी में एनीमिया या गर्भावस्था में खून की कमी के लक्षण निम्नलिखित दिखाई दे सकते हैं, जैसे:

  • चक्कर आना
  • सांस से जुड़ी परेशानी होना
  • सिरदर्द 
  • त्वचा का रंग पीला होना
  • एकाग्रता में कमी
  • चिड़चिड़ापन
  • सीने में दर्द
  • आंखों का अंदर की तरफ धंसना
  • पीले नाखून 
  • कमजोरी आना
  • अनियमित दिल की धड़कन

प्रेग्नेंसी में एनीमिया होने के कारण और जोखिम कारक (Anemia During Pregnancy Causes Risk Factors in Hindi)

प्रेग्नेंसी में एनीमिया होने के कारण और जोखिम कारक कई बातों से संबंधित हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है। सबसे पहले पढ़ें गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने के कारण।

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया क्यों होता है?

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने के कारण निम्नलिखित हैं, जैसे :

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया / चित्र स्रोत - गूगल
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया / चित्र स्रोत – गूगल
  • दैनिक आहार में पर्याप्त पौष्टिक आहार, आयरन, फोलेट व विटामिन बी12 की मात्रा शामिल न करना।
  • जंक फूड व डिब्बाबंद खानों का अधिक सेवन करना।
  • जल्दी-जल्दी महिला का गर्भवती होना।
  • गर्भावस्था से पहले ही महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होना।
  • कम उम्र जैसे कि 20 साल से कम उम्र में गर्भवती होना।
  • गर्भावस्था के दौरान विभिन्न दवाओं का सेवन करना।

प्रेग्नेंसी में एनीमिया होने के जोखिम कारक क्या है? (Anemia in pregnancy risk factors in Hindi)

प्रेग्नेंसी में एनीमिया होने के जोखिम कारक निम्नलिखित परिस्थितियों से संबंधित हो सकते हैं, जैसेः

गर्भावस्था में एनीमिया की जांच या हीमोग्लोबिन की कमी की जांच (Test for anemia in pregnancy in Hindi)

गर्भावस्था में एनीमिया की जांच या हीमोग्लोबिन की कमी की जांच करने के लिए डॉक्टर कुछ खास तरह के परीक्षण कर सकते हैं, जैसेः

पूर्ण रक्त गणना (Complete Blood Count) करना – इसमें निम्नलिखित पोषक तत्वों की मात्रा की जांच की जाती हैः

  • रक्त में आयरन के स्तर की जांच करना
  • रक्त में विटामिन बी12 के स्तर की जांच करना
  • रक्त में फोलिक एसिड के स्तर की जांच करना

प्रेग्नेंसी में एनीमिया का इलाज (Anemia Treatment in Pregnancy in Hindi)

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया का इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित प्रक्रियाएं अपना सकते हैंः

  • आयरन सप्लीमेंट्स यानी आयरन की गोलियों की खुराक निर्देशित करना
  • फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स की खुराक निर्देशित करना
  • बिटामिन बी12 सप्लीमेंट्स की खुराक निर्देशित करना
  • इंजेक्शन के जरिए नसों में आयरन की खुराक देना

गर्भावस्था में आयरन की कमी या गर्भावस्था में खून की कमी से होने वाली जटिलताएं (Complications Due to Anemia During Pregnancy in Hindi)

गर्भावस्था में आयरन की कमी या गर्भावस्था में खून की कमी होने से गर्भवती महिला के स्वास्थ्य व उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण में कुछ जटिलताएं (Complications of Anemia in Pregnancy) हो सकती हैं, जैसेः

  • समय पूर्व प्रसव होना
  • जन्म के समय शिशु का कम वजन होना
  • डिलीवरी के दौरान शरीर में खून की कमी होना
  • प्रसव से बाद डिप्रेशन होना
  • जन्म के बाद बच्चे में खून की कमी होना
  • बच्चे का धीमा विकास होना
  • बच्चे में रीढ़ की हड्डी या मस्तिष्क संबंधी विकार होना
  • बच्चे में तंत्रिका ट्यूब से जुड़ी असमान्यता या स्पाइना बिफिडा होना

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से बचाव के उपाय (Prevention of Anemia During Pregnancy in Hindi)

जैसा कि लेख में दी गई जानकारी से यह ज्ञात होता है कि प्रेग्नेंसी में खून की कमी का मुख्य कारण शरीर में आयरन की कमी को माना जा सकता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से बचाव के उपाय में हमें खासतौर पर दैनिक आहार में शामिल होने वाले पोषक तत्वों के साथ ही कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए, जैसेः 

  • गर्भावस्था में चुकंदर खाना – चुकंदर में में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी दूर कर सकता है और आयरन की मात्रा को बढ़ा कर खून की कमी दूर कर सकता है।
  • गर्भावस्था में ब्रोकली और पालक खाना – चुकंदर की ही तरह ब्रोकली और पालक में भी आयरन की समृद्ध मात्रा होती है। इसके साथ ही ये विटामिन-बी12 और फोलेट के भी अच्छे स्रोत माने जाते हैं। ऐसे में गर्भावस्था में ब्रोकली और पालक खाने से खून की कमी को पूरा किया जा सकता है। 

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया / चित्र स्रोत – गूगल

  • गर्भावस्था में सेब और केला खाना – गर्भावस्था में महिलाओं के अपने दैनिक आहार में नियमित रूप से सेब और केला भी शामिल करना चाहिए। 
  • गर्भावस्था में मुनक्का (किशमिश) खाना – मुनक्का में आयरन की अच्छी मात्रा होती है। इसलिए गर्भवती इसका सेवन कर सकती हैं और शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर कर सकती हैं।
  • गर्भावस्था में सफेद बीन्स और काले चने खाना – सफेद बीन्स और काले चने खाने से भी शरीर में खून की कमी को दूर किया जा सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने पर गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में इनकी मात्रा शामिल करनी चाहिए।
  • गर्भावस्था में मांस और मछली खाना – जो महिलाएं मांसाहारी भोजन करती हैं, वे मांस और मछली के जरिए आसानी से गर्भावस्था में आयरन की कमी को दूर कर सकती हैं। क्योंकि ये ऐसे खाद्य होते हैं, जिनमें आयरन की मात्रा सबसे अधिक होती है। 
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया / चित्र स्रोत - गूगल
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया / चित्र स्रोत – गूगल

नोटः प्रसवपूर्व विटामिन की गोलियां शरीर में खून की मात्रा की जांच कराने के बाद व अपने डॉक्टर की सलाह पर लें। प्रसवपूर्व विटामिन की गोलियां कम समय में ही हीमोग्लोबिन की कमी दूर करती हैं। ऐसे में अगर गर्भावस्था में खून की कमी नहीं है, तो सप्लीमेंट्स लेने से आयरन की अधिकता हो सकती है, जो जोखिम भरी स्थिति मानी जा सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

कैसे पता चलेगा कि मुझे गर्भावस्था के दौरान एनीमिया है?

अगर लेख में बताए गए गर्भावस्था के दौरान एनीमिया (Anemia of Pregnancy Meaning in Hindi) के लक्षणों में से आपको एक साथ दो से अधिक लक्षण महसूस होते हैं, तो यह इसका संकेत हो सकता है कि आपको प्रेग्नेंसी में एनीमिया हुआ है। इसके अलावा, दूसरा तरीका है कि गर्भावस्था के दौरान आप सीबीसी (Complete Blood Count) टेस्ट करवा सकती हैं, जो शरीर में हीमोग्लोबिन की गणना करता है।

क्या प्रेग्नेंसी में एनीमिया के कारण मेरे बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है?

अधिकांश मामलों में प्रेग्नेंसी में एनीमिया होना माँ व बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव नहीं डाल सकता है। हालांकि, अगर प्रेग्नेंसी में एनीमिया गंभीर हो गया है, तो यह बच्चे में जन्म के बाद एनीमिया होना, समय से पहले शिशु के जन्म का जोखिम व जन्म के समय शिशु के कम वजन के जोखिम का खतरा बढ़ा सकता है।

आयरन की कमी वाले गंभीर एनीमिया का इलाज कैसे किया जाता है?

आयरन की कमी वाले गंभीर एनीमिया का इलाज करने का सबसे अच्छा उपाय है आहार में आयरन युक्त खाद्य शामिल करना। साथ ही, डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लीमेंट्स की खुराक लेना। आयरन युक्त आहार के तौर पर निम्नलिखित खाद्यों का सेवन किया जा सकते हैः

  • मांस
  • मछली
  • साबुत अनाज
  • पालक
  • सबखे मेवे
  • पालक
  • ब्रोकली 
  • गोभी

गंभीर एनीमिया का इलाज कैसे किया जाता है?

गर्भावस्था के दौरान गंभीर एनीमिया का इलाज (Anemia During Pregnancy in Hindi) करने के लिए डॉक्टर नसों के जरिए शरीर में आयरन की डोज देने की प्रक्रिया अपना सकते हैं। 

आयरन की खुराक कैसे लेनी चाहिए?

आयरन की खुराक हमेशा डॉक्टर द्वारा दिए निर्देश के अनुसार ही लेना चाहिए। अगर डॉक्टर ने आयरन की खुराक के लिए सप्लीमेंट्स की सलाह दी है, तो दिन में दो बार आयरन की खुराक लेने की आवश्यकता हो सकती है।

क्या आयरन की गोलियों के कोई दुष्प्रभाव है?

आयरन की गोलियों के दुष्प्रभाव दुर्लभ हैं, लेकिन कभी-कभी आयरन की गोलियों से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसेः

  • चक्कर आना
  • बेचैनी होना
  • जी-मिचलाना
  • उल्टी आना
  • एसिडिटी होना
  • कब्ज व दस्त होना
  • काला मल आना

एक बात का ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान एनीमिया (Anemia During Pregnancy in Hindi) की समस्या को गंभीर नहीं माना जा सकता है। आमतौर पर अच्छे खानपान की आदतों से प्रेग्नेंसी में एनीमिया का इलाज किया जा सकता है और गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से बचाव भी किया जा सकता है। पर बेहतर होगा कि गर्भवती होने से पहले ही शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी या आयरन की कमी का पता लगाएं और उनका उपचार करें। 

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