1 Apr 2019 | 1 min Read
Vavita Bhardwaj
Author | 44 Articles
यदि आप गर्भवती हैं,तो आप हमेशा गर्भ में पल रहे शिशु के लिए सभी कुछ बेहतर करने का प्रयास करतीं हैं। और साथ ही ये कोशिश करती हैं की आप पोषण से भरपूर भोजन करें। मगर सब कुछ बहुत अच्छा खाने की जुगत में कभी कभी हम घर पर उपलब्ध कुछ ऐसी चीज़ों को भूल जातें है जो आपके और होने वाले शिशु के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। आपने जीरा के लाभों के बारे में सुना होगा लेकिन यह कैसे फायदेमंद है और क्यों। जीरा या जीरा के साथ पानी के स्वाद के लाभों के बारे में अधिक जानें।
जीरे का सबसे बड़ा उत्पादक भारत है। यह जीरे का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है जिसे वह प्यार से जीरा कहते हैं। जीरा न केवल हमारे खाद्य पदार्थों का रोजमर्रा का स्वाद है, बल्कि हमारी रसोई की औषधीय जड़ी बूटी भी है। सटीक रूप से हर रोज खाना पकाने में इस जड़ी बूटी का उपयोग किया जाता है। लाभ कई हैं और गर्भवती महिला के लिए विशेष रूप से । जीरा का सेवन रोज़मर्रा में भावी माँ द्वारा किया जा सकता है, लेकिन इसके मजबूत प्रभावों के कारण, इसका शरीर पर प्रभाव पड़ता है, इसका सबसे अच्छा सेवन जीरा पानी के रूप में प्रतिदिन किया जाता है। जीरा पानी के लाभों को नीचे विस्तार से सूचीबद्ध किया गया है।
गर्भावस्था के दौरान शरीर में खून की कमी की समस्या आम बात है। जैसा की आप जानती हैं कि खून की कमी को दूर करने के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में आयरन लेना चाहिए। इन परिस्थितियों में जीरे का पानी आपके लिए अमृत के समान काम कर सकता है क्योंकि जीरे में भरपूर मात्रा में आयरन मौजूद होता है। ये आयरन खून में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में बहुत मददगार साबित हो सकता है। सुबह खाली पेट में रोजाना जीरे का पानी आप अगर पीएंगी तो इसका लाभ मिलेगा।
प्रेग्नेंसी के दौरान अनेक प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हाई ब्लड प्रेशर भी इन्हीं समस्याओं में से एक है। हाई बीपी को कंट्रोल में रखने में जीरे का पानी काफी लाभप्रद साबित हो सकता है। जीरे में विद्यमान पोटैशियम से कोशिकाओं का उत्पादन, ब्लड प्रेशर और हृदय गति को भी कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। हमारी सलाह है कि गर्भावस्था के दौरान आप नियमित रूप से डॉक्टर के पास ब्लड प्रेशर और पेशाब की जांच करवाते रहें।
जीरे में आयरन, पोटैशियम के अलावा विटामिन ए, सी और एंटी ऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। अगर आप जीरे के पानी का सेवन करती हैं तो ये आपके शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और आपके बॉडी को स्वच्छ करता है। जीरे का पानी आपके शरीर की इम्यूनिटी पॉवर को भी बढ़ाता है।
जीरे के पानी को पीने से गर्भ में पल रहे बच्चे में जन्मदोष होने का खतरा भी बहुत कम हो जाता है। डिलीवरी के दौरान भी मदद मिलती है। आयरन और कैल्शियम से भरपूर जीरा पानी पीने से माताओं में दूध का उत्पादन भी बढ़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल;डायबिटीज की समस्या;भी हो जाती है। अगर आप जीरे का पानी का रोजाना सेवन करती हैं तो जेस्टेशनल डायबिटीज होने का खतरा काफी कम हो जाता है क्योंकि जीरा शुगर के लेवल को भी नियंत्रण में रखता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में कब्ज की परेशानी के चलते बवासीर की समस्या हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान अगर आप जीरे का पानी पीएंगी तो गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिल जाता है। खाना को पचाने में भी जीरे का पानी मदद करता है। इतना ही नहीं अगर उल्टी की समस्या है तो जीरे को बारीक पीस कर चूर्ण बना लें और फिर एक ग्लास पानी में सेंधा नमक और नींबू मिलाकर पी लीजिए, तत्काल राहत मिल जाएगी।
आज हम आपको जीरे का पानी बनाने की सबसे आसान विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। आप तीन चम्मच जीरा ले लें और उसको तकरीबन डेढ लीटर पानी में मिलाकर 5 मिनट तक उबाल लें। इसके बाद इस मिश्रण को छान लें और फिर इसको ठंढ़ा हो जाने के बाद एक साफ सुथले बोतल में रख लें और फिर दिन भर इसको पीते रहें। ध्यान रहे कि इस पानी को आपको एक दिन में ही खत्म करना है और दूसरे दिन के लिए फिर से जीरे का पानी बनाकर इस्तेमाल में लाएं।
जीरा (जीरा) और सौंफ के बीज (सौंफ) के बीच भ्रमित न हों।
बहुत अधिक जीरा न जोड़ें, यह एक औषधीय जड़ी बूटी है और सीमित मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए। इसके अलावा,
बहुत अधिक जीरा पानी को कड़वा और पीने के लिए बेस्वाद बनाता है।
एक दिन में केवल एक लीटर जीरा का पानी पिएं।
प्रतिदिन जीरे के पानी की एक ताजा बोतल बनाएं।
गर्म या कमरे के तापमान पर सेवन किया जाना सबसे अच्छा है।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.