29 Mar 2019 | 1 min Read
Kanch N
Author | 7 Articles
जबकि आपके पहले मातृत्व कर्तव्यों में से कई स्वाभाविक रूप से आपके पास आएंगे, कुछ चीजों को थोड़ी अधिक तैयारी की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि आपके बच्चे को पहला स्नान कैसे करना है, इसके बारे में सीखना। जब आप अपने बच्चे के पहले स्नान के लिए तैयार हो रहे हैं, तो आप कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहते हैं, ताकि सभी लोग सुरक्षित रहें और एक अच्छा समय बिता सकें।
बच्चे को बाथटब में बैठाने के बाद भी बच्चे को एक हाथ से पकड़े रहें। इसके अलावा कोशिश करें कि उसे गुनगुने पानी से ही नहलाएं।
शिशु की कोमल त्वचा पर सीधे पानी न डालें। पानी और उसके स्किन के बीच में अपनी हथेलियों का इस्तेमाल करें। पहले पानी को अपनी हथेली पर गिरने दें, इसके बाद बच्चे की स्किन पर।
अगर बच्चा सीधे बैठ नहीं सकता, तो अपनी हथेली में पानी लेकर उसे धीरे-धीरे नहलाएं।
बच्चे को नहलाने के दौरान साबुन कभी भी सीधे उसके स्किन पर न लगाएं। किसी दूसरे मग में साबुन का झाग बना लें और झाग में किसी साफ तौलिये को भिगोकर तौलिये से बच्चे के शरीर को साफ करें। इसी तरह शैंपू का भी इस्तेमाल करें। शैंपू का झाग किसी दूसरे मग में बनाएं और उसको आराम-आराम से बच्चे के सिर में लगाएं।
बड़ों के लिए बने साबुन, पाउडर और तेल बच्चों को न लगाएं, इससे उसे नुकसान भी हो सकता है। बच्चों के लिए बने खास प्रोडक्ट का ही इस्तेमाल करें।
नहलाने के बाद बच्चे को सूखे तौलिये से पोछें। सर को आराम से रगड़ें। शरीर पोंछने के बाद उसे जल्द से जल्द कपड़े पहना दें।
एक अच्छा बेबी बाथ टब खरीदें। इसके अलावा बेबी टॉवल भी लें। एक टॉवल उसे पोंछने के लिए, जबकि दूसरा टॉवल उसे लपेटने के लिए रखें। इसके साथ ही आप एक बेबी मग और बेबी मैट भी खरीद लें। खास बात ये कि ये सभी सामान अच्छी क्वॉलिटी के होने चाहिए।
बच्चे को नहलाने से पहले सभी चीजें (बाथटब, तौलिया, बेबी सोप, और बाथरूम स्टूल) तैयार रखें। ये सब आसपास रहे, तो बेहतर है। इसके अलावा बच्चे को कभी भी बाथटब में अकेला न छोड़ें। दरअसल बच्चा करीब 3 सेमी गहे पानी में भी डूब सकता है।
बच्चे को नहलाने से पहले पानी का तापमान जरूर चेक करें। वैसे नहाने के लिए 37 डिग्री सेल्सियस तापमान बेस्ट होता है।
संगीत बच्चे के दीमाग के उन हिस्सों के विकास में मददगार होता है, जो उसकी स्मरण शक्ति और देखने और सोचने की क्षमता के लिए जिम्मेदार हैं। नहलाने के क्रम में खेल-खेल में ही बच्चे के दिमाग के विकास और सक्रियता को विकसित करने की कोशिश करें। नहलाते वक्त कोई नर्सरी पोयम या कोई गाना गुनगुनाते रहें।
शिशु को नहलाते समय आप उसके साथ पानी में अलग-अलग गतिविधियां करके बहुत कुछ सिखा सकते हैं। जैसे पानी में छपाके मारिए या किसी मग में पानी भरिये। इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चा सहज ही अलग-अलग कारणों और उनके परिणामों के बारे में जान जाएगा।
बच्चे को नहलाने के दौरान शरीर पर साबुन लगाती हैं, तो उससे उसे सुगंध का अहसास होता है।
इसके अलावा नहाने से पहले या नहाने के दौरान की गई मालिश से बच्चे की चुस्ती फुर्ती बढ़ती है। मालिश से बच्चे का रक्तसंचार बढ़ता है और उसके बाद स्नान करने से उसे अच्छी नींद आती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में तस्वीर मूल है और लेखक की हैं। लेखक की अनुमति के बिना किसी भी रूप में इसे पुन: प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं होगी।
यह भी पढ़ें: गर्भावस्था के दौरान कब्ज के लिए सुरक्षित आयुर्वेदिक उपचार
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.