5 Mar 2019 | 1 min Read
Roop Tara
Author | 15 Articles
सुबह के समय हवा ज्यादा साफ और स्वच्छ होती है तथा वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भी ज्यादा होती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सुबह उठकर १० मिनट गहरी सांसें लेनी चाहिए। गहरी सांसें भरने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। आपके गर्भ में पल रहे शिशु के जीवन और विकास के लिए ऑक्सीजन बहुत महत्वपूर्ण है। शरीर में ऑक्सीजन की सही मात्रा होने से मां को भी गर्भावस्था के दौरान होने वाली कई परेशानियों से मुक्ति मिलती है। लेकिन इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए आपको बताते हैं सुबह गहरी सांस लेने के फायदे और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में।
जब हम सांस अंदर लेते हैं तो ऑक्सीजन हमारे फेफड़ों में पहुंचती है और फिर रक्त के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक जाती है। हमारे जीवन के लिए और स्वस्थ रहने के लिए शरीर के प्रत्येक अंग को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलना बहुत जरूरी है। इसलिए सुबह उठकर गहरी सांसें लेना आपके लिए फायदेमंद है। हमेशा नाक से ही सांस लेनी चाहिए क्योंकि नाक के अन्दर छोटे-छोटे बाल होते हैं। जो सांस लेने पर हवा में मिली धूल को बाहर ही रोक लेते हैं। मुंह से सांस कभी नहीं लेनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से सांस के साथ धूल और हानिकारक कीटाणु अन्दर चले जाते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में तनाव यानी स्ट्रेस की समस्या आम है। हर व्यक्ति के अलग-अलग स्ट्रेस प्वाइंट्स होते हैं। यानी तनाव की स्थिति में हर व्यक्ति शरीर के विभिन्न हिस्सों में (टॉक्सिंस स्टोर होने के चलते) दर्द का अनुभव करते हैं, मसलन सिर, पेट, छाती या पैरों में। ऐसा होने पर गहरी सांस भरें और कल्पना करें कि दर्द से पीडि़त अंग में वायु प्रवेश कर रही है। कुछ पल सांस रोककर रखने के बाद कल्पना करें कि उस अंग से वायु के साथ तनाव भी शरीर से बाहर जा रहा है। इस कल्पना के साथ ही श्वास नली से गहरी श्वास छोड़ें।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में ब्लड प्रेशर का उतार-चढ़ाव सामान्य है। मगर जिन महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनके लिए सुबह उठकर गहरी सांस लेना फायदेमंद होता है। जब आप सांसों को अन्दर और बाहर लेते हुए कुछ क्षणों के लिए अंदर ही रोक लेती, तो ये नाड़ी शोधन प्राणायाम कहलाता है। इस प्राणायाम में जब आप अपने पेट को थोड़ा पिचकाएंगी, तो ऐसा लगेगा कि आपके शरीर में रक्तप्रवाह तेज हो रहा है। ध्यान दें कि इस दौरान आंखें बंद रखें।
डीप ब्रीदिंग न सिर्फ शरीर को पूरी तरह रिलैक्स करेगी, बल्कि आपको मानसिक सुकून भी देगी ब्रीदिंग के जरिए शरीर के 70 प्रतिशत टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। इसे नियमित करें। रोज सुबह उठने के बाद बिस्तर छोड़ने से पहले करीब दस मिनट तक खूब सारी सांस भरें और फिर धीरे-धीरे इसे छोड़ें। सांस लेने और छोड़ने दोनों में बराबर समय लगायें।
आपको हैरानी होगी कि आप स्वयं जितनी ताजा सांसें और ऑक्सीजन लेंगी, आपके गर्भ में पल रहे शिशु के फेफड़े उतने मजबूत होंगे। ब्रीदिंग एक्सरसाइज के लिए सीधे खड़े हो जाइए और अपने पैर एक-दूसरे के सामानांतर रखिए। मुंह बंद रखें और 10 तक गिनते हुए गहरी सांस लीजिए। हाथों को छाती पर रखें, लेकिन ध्यान रखें इन्हें जोर से दबायें नहीं। सांस लेते हुए फेफड़े फूलने के साथ ही अपने हाथों को फैलाएं। फिर आराम से सांसों को छोड़ें, जितना समय सांस लेने में लगाया उतना ही सांस छोड़ने में लगाएं। इस व्यायाम को 10 बार कीजिए। गर्भावस्था के सातवें महीने में इसे करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए इस वक्त इसे आराम से ही करें।
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