10 Jan 2019 | 1 min Read
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सभी अभिभावकों के मन में यह सवाल होता है की बच्चे को होम्योपैथी दवा किस उम्र से देनी चाहिए या यह बच्चों के लिए सुरक्षित होती है या नहीं? जब बच्चे बीमार पड़ते हैं, तो डॉक्टर आमतौर पर संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक दवाइयाँ लिखते हैं। माता-पिता छोटे बच्चों को एंटीबायोटिक देने के नुकसान के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में, उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं होता है। ऐसे होम्योपैथी दवाएं बहुत मददगार साबित हो सकती हैं। बेबीचक्रा के इस लेख में जानते है कि विशेषज्ञ इस बारे में क्या राय रखते हैं?
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि होम्योपैथी आखिर है क्या ?
होम्योपैथी, एक लोकप्रिय चिकित्सा प्रणाली है जिसे जर्मनी में 200 से अधिक साल पहले विकसित किया गया था। इस चिकित्सा प्रणाली के अनुसार, स्वस्थ लोगों में समान लक्षण पैदा करने वाले पदार्थ खिलाएं जाए तो उसकी बीमारी ठीक हो सकती है। साथ ही होम्योपैथी की धारणा है कि दवा की खुराक जितनी कम होगी, उसकी प्रभावशीलता उतनी ही अधिक होगी। होम्योपैथिक उत्पाद पौधों, लाल प्याज, अर्निका आइवी, बेलाडोना, बिछुआ, सफेद आर्सेनिक या मधुमक्खियाँ से लिए जाते हैं। इन सभी उत्पादों को चीनी के छोटे छोटे दानों में मिलाकर होम्योपैथी दवा तैयार की जाती है।
होम्योपैथी के साइड इफेक्ट बिल्कुल न के बराबर होते हैं। होम्योपैथिक उत्पाद अत्यधिक डायल्युटेड होते हैं, केवल कुछ दवाएं जो कम्युनिटी स्टैंडर्ड के विरुद्ध बेचीं जाती हैं वो नुकसान दे सकती हैं। इन दवाओं में पर्याप्त मात्रा में सक्रिय तत्व हो सकते हैं, जो साइड इफेक्ट या ड्रग इंटरैक्शन का कारण बन सकते हैं। इस प्रकार के होम्योपैथिक उत्पादों के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों को कई बार रिपोर्ट किया गया है। तरल होम्योपैथिक उत्पादों में अल्कोहल हो सकता है। एफडीए (FDA) पारंपरिक दवाओं की तुलना में इनमें अल्कोहल के उच्च स्तर की अनुमति देता है। इसलिए बच्चों को कोई भी खुद से होम्योपैथी दवा न दें केवल डॉक्टर द्वारा सुझाई दवाओं का इस्तेमाल करें।
बच्चे अक्सर मौसम बदलने से और प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने के कारण बीमार पड़ जाते हैं, ऐसे में बहुत अधिक एंटीबायोटिक्स देने से उनकी प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक शक्ति पर असर पड़ता है, यह एक तथ्य है। इसलिए होम्योपैथी दवाएं बच्चे के स्वास्थयकारी हो सकती हैं –
अगर होम्योपैथिक बच्चो को दिया जाये तो यह उनके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त साबित होता है। इससे बच्चो की अंदरूनी ताकत बढ़ती है और किसी भी बीमारी के संक्रमण से लड़ने की ताकत आ जाती है। होम्योपैथी बच्चो को बीमारी से जल्दी ठीक करने में मददगार साबित हो सकता है। शिशुओं के लिए कुछ होम्योपैथिक उपचार काफी आम हो गए हैं और इतने लोकप्रिय हैं कि उन्हें कई आधुनिक चिकित्सा फार्मासिस्टों द्वारा ओवर-द-काउंटर दवाओं के रूप में बेचा जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शिशुओं के लिए होम्योपैथिक दवाओं या होम्योपैथिक पूरक आहार का प्रयोग सिर्फ होम्योपैथी डॉक्टर के कहने पर करना चाहिए।
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