4 Jan 2019 | 1 min Read
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गर्भवती महिलाओं को अक्सर अपने अजन्मे बच्चे से बात करने की सलाह दी जाती है। लेकिन सवाल यह है कि ज्यादातर महिलाएं चिंतित हैं- “मैं अपने बच्चे से क्या बात करूँ?” जबकि PLOS द्वारा किए गए एक शोध अध्ययन में यह साबित हुआ है कि माँ की आवाज़ अजन्मे बच्चे को आराम पहुंचाती है और आपके बच्चे की बौद्धिक क्षमता को भी बढ़ाती है, ज्यादातर महिलाएं अपने अजन्मे बच्चे से बात करने में उलझन महसूस करती हैं। आइए, हम आपकी इस उलझन का समाधान देने की कोशिश करते हैं, और आपको बताते हैं कि अपने गर्भ में बच्चे से कैसे बात करें?
गर्भ में बच्चे से कैसे बात करें यह जानने से पहले आपको यह पता होना कि गर्भ शिशु तक आपकी बातें पहुँचती है या नहीं? संज्ञानात्मक न्यूरोसाइंटिस्ट इओन पार्टनन के एक अध्ययन के अनुसार, आपका बच्चा गर्भ में याद कर सकता है, और गर्भ से बाहर आने के बाद भी जो कुछ भी सुनता है, उसका जवाब देता है। इस स्थिति में शिशुओं में प्रारंभिक भाषा का विकास भी देखा गया है। अपने बेबी बंप से बात करना न केवल उनकी शब्दावली को बढ़ाता है और उन्हें स्मार्ट बनाता है, बल्कि आपके अजन्मे बच्चे के साथ एक बंधन बनाने में भी आपकी मदद करता है। इस ब्लॉग में, हम आपको यह अनुमान लगाने में मदद करेंगे कि गर्भ में बच्चे से कैसे बात और आप और आपका परिवार मजेदार तरीके से अपने बच्चे से कैसे जुड़ सकता है?
ऐसे बहुत सारे मजेदार तरीके हैं जिनसे आप और आपका परिवार गर्भ में अपने बच्चे से बात कर सकते हैं। आपकी बातें उसे अच्छा महसूस कराती हैं और वो गर्भ में ही आपसे जुड़ाव रखना शुरू कर देता है –
जब आप गीत गाते हैं तो आपके बच्चे की हृदय गति सामान्य होती है और यह आराम और प्यार महसूस कर पाता है। बच्चे के लिए रोज़ कुछ सरल लोरी गाएं और आप कुछ समय बाद बच्चे को इसका जवाब देते देख सकते हैं। आप अलग-अलग गीत गाकर, संगीत के प्रति बच्चे की पसंद और टेस्ट को भी समझ सकते हैं। अपने गीत में अपने पति और अपने बड़े बच्चों को शामिल करने की कोशिश करें ताकि बच्चा उनकी आवाज़ से उन्हें पहचान सके।
अपने बच्चे से बात करने लिए आप उसे कोई सरल बच्चों की कहानी भी सुना सकती हैं। इससे बच्चे को काफी ख़ुशी मिलती है, साथ है कहानी सुनाने के आपकी स्किल्स भी डेवलप हो जाती है जो शिशु के जन्म के बाद बहुत काम आ सकती है। बाल-कथाओं से आपको बच्चे की भावनाओं और उनके मनोविज्ञान की जानकारी भी मिलती है जोकि एक अच्छे अभिभावक को होनी भी चाहिए।
अपने गर्भस्थ शिशु को बाहरी दुनिया से रूबरू कराने का सबसे अच्छा तरीका है कि कॉमेडी फिल्म देखें और खुश रहने का प्रयास करें। माँ अगर हंसती है तो गर्भस्थ शिशु कम तनाव महसूस करते हैं। मनोरंजक गतिविधियों के जरिए आप प्रेगनेंसी की छोटी-मोटी समस्याओं अपना ध्यान भी हटा सकती हैं।
गर्भ में बच्चे से कैसे बात करें, इसके जवाब की शुरुआत एक कोमल छुहन या सिम्पली “आई लव यू” कह देने से हो सकती है, इससे आपके बच्चे को प्यार का एहसास होगा। बच्चा आपको समझ नहीं सकता है लेकिन निश्चित रूप से आपके प्यार को महसूस कर सकता है। बच्चे के साथ बेहतर कनेक्ट करने के लिए सरल वाक्यों और शांत स्वर में बात करें। बच्चे के बड़े भाई-बहनों का परिचय दें, यह पिताजी और दादा-दादी हैं ताकि वे उन्हें आसानी से पहचान सकें।
वेद पुराण और मन्त्र इत्यादि आपके बच्चे को शिक्षित करने और आपके बच्चे के व्यक्तित्व को आकार देने में उपयोगी हो सकते हैं। हर दिन इनको पढ़ने से आप अपने अजन्मे बच्चे में एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और इसके साथ ही उनसे आध्यात्मिक संबंध बना सकते हैं।
अपने अजन्मे बच्चे से बात करना एक मजबूरी के रूप में ना लें बल्कि आत्मीयता बढ़ाने के लक्ष्य तय करें। हालांकि आप शुरू में इस बात को लेकर भ्रमित हो सकती हैं कि गर्भ में अपने बच्चे के साथ क्या बात करें, एक बार जब आप इसे करना शुरू कर दें तो यह भी समझें कि आपका बच्चा क्या पसंद करता है, इससे आप अधिक नए और मजेदार तरीके ढूंढ सकेंगी। एक परिवार के रूप में इसके लिए एक काम करना, बेहतर संबंध और अजन्मे बच्चे के लिए प्यार और स्नेह की भावना सुनिश्चित करता है।
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