10 Oct 2018 | 1 min Read
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कितने सुखद होते हैं वो पल जब एक नवजात शिशु की किलकारियों के गूंजने से पूरे परिवार में रौनक आ जाती है। एक प्रेग्नेंट औरत के लिए प्रेगनेंसी से लेकर बच्चे के जन्म तक का सफर ऊँच-नीच से भरा होता है पर माँ बनने की ख़ुशी इतनी ज़्यादा होती है कि वह यह सब सहन करने के लिए अपने आप को तैयार कर लेती है। वैसे तो हम पानी में डूबे हुए स्तिथि में जीवित नहीं रह सकते हैं, इसे कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे कि पूरे 9 महीने माँ के गर्भ के पानी में रहने के बाद शिशु बाहर की दुनिया में आँखें खोलता है।
एक नवजात शिशु के प्रति हर कोई तुरंत आकर्षित हो जाता है। वह इतने छोटे और प्यारे होते हैं की उनकी हर बात और हरकत हमें लुभावनी लगती है और कुछ ऐसी भी बातें होती है जो हमें बिलकुल आश्चर्यचकित कर देती हैं। आइए कुछ ऐसी आश्चर्यजनक बातों पर गौर फरमाएं। हमारी मानें तो इनमें से कुछ ऐसी बातें हैं जो आपको गुदगुदा देंगे और आपका मन करेगा की आप अपने क्यूट बेबी को तुरंत गोद में उठा कर चूम लें।
क्या आप यह पढ़कर हैरान हो गए? जब बच्चा जन्म लेता है, उसमें अपने साँस को रोकने की क्षमता होती है। वह अपने पाँव-हाथ चला कर पानी भी उछाल सकते हैं। तो देर किस बात की? अपने पीडिआट्रिशन डॉक्टर की सलाह ले कर जाइए और अपने नवजात शिशु के साथ स्विमिंग पूल में, एन्जॉय करिये और जानिए कि उनमें कहीं स्विमिंग की कला तो नहीं छिपी है।
क्या आप जानते हैं कि एक नवजात शिशु के सिर का वज़न उनके पूरे वज़न का 25% होता है? है ना यह चौका देने वाली बात।
जन्म के वक़्त एक नवजात शिशु के पास 300 बोन्स होते हैं जबकि एक आदमी के शरीर में 206 बोन्स होते हैं। अब समझ आया की बच्चे इतने फ्लेक्सिबल कैसे होते हैं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है उसकी कुछ हड्डिया अंदर ही अंदर नार्मल तरीके से फ्यूज़ होती जाती है और उनके पास भी 206 हड्डियां रह जाती है।
हाँ, एक्स-रे में भले ही न दिखें पर आपके बेबी के पास भी नी कैप्स होते हैं। वे इसलिए नहीं दिखते क्योंकि एक नवजात शिशु के नी कैप्स कार्टीलेज के होते हैं जो बड़े होते होते हड्डी बन जाते हैं।
बेबी बॉयज़ के जन्म के समय का वज़न बेबी गर्ल्स से ज़्यादा होता है। सामान्य तौर पर एक नवजात लड़के का वज़न 7 पौण्ड 10 औंस और एक नवजात बालिका का वज़न 7 पौण्ड 2 औंस होता है, यानि लड़के वज़न में थोड़े भारी होते हैं।
जन्म लेने के बाद शिशुओं के सिर का विकास तेज़ी से बढ़ता है। ये काफ़ी आश्चर्यजनक बात है कि पहले ही साल में सिर का साइज़ दुगना हो कर एक बड़े के सिर के साइज़ का 60 प्रतिशत हो जाता है।
जब आपके घर एक नन्हा और प्यारा सा मेहमान आता है तो उसके रोने की किलकारियों से पूरा घर गूँज उठता है। पर क्या आपको पता है कि एक नवजात शिशु के टियर डक्टस तब तक डेवेलप नहीं होते जब तक कि वह तीन से बारह हफ्ते के न हो जाए।
एक नवजात शिशु में 10,000 टेस्ट बड्स होते हैं जो की एक वयस्क से कई गुना ज़्यादा है। ये स्वाद कलिकाएं केवल जीभ पर ही नहीं बल्कि मुँह के किनारे, पीछे और तलवे पर भी होते हैं। पर सबसे हैरानी की बात यह है कि इतने एक्स्ट्रा टेस्ट बड्स के बावजूद उन्हें नमक के स्वाद का पता नहीं चलता है जब तक वे 4 महीने के नहीं हो जाते।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि एक नवजात शिशु केवल काला, सफ़ेद, और स्लेटी रंग देख सकते हैं। कई विशेषज्ञ ये भी मानते हैं कि बेबीज़ दूसरे रंग भी देख सकते हैं पर वे उन्हें एकदम धुंधला नज़र आता है। लाल वो पहला रंग है जिसे वे पहचानते हैं और नीला और बैंगनी की पहचान उन्हें सबसे आखिर में होती है।
जन्म से 4 महीने के अंतराल में एक नवजात शिशु के सारे बाल गिर जाते हैं और उनकी जगह सिर पर नए बाल आ जाते हैं।
क्या आप जानते हैं कि एक नवजात शिशु के पेट का साइज़ एक अखरोट या वॉलनट के साइज़ का होता है? यही कारण है कि उन्हें बार-बार भूख लगती है और वे दूध की माँग करते हैं।
हम वाकई में धन्य हैं कि हमारे नवजात शिशु 4 महीने के बाद अपने माता पिता को पहचानने लगते हैं और उन्हें देख कर एक प्यारी सी मुस्कान देते हैं।
बेबीज़ के सूंघने और टेस्ट की क्षमता जन्म के पहले से ही होती है। उन्हें अपने माँ की नेचुरल सेंट की पहचान होती है और यही कारण है कि वे जब बिलख-बिलख कर रोते हैं तो अपनी माँ की गोद में आकर ही चुप होते हैं।
तो ये हैं 13 ऐसे फैक्ट्स जिन्हें पढ़ कर आप जान गए होंगे नवजात शिशु के बारे में कुछ आश्चर्यजनक बातें जिन पर पहले कभी आपने गौर नहीं किया होगा। बच्चे के जन्म से लेकर पहला साल माँ-बाप के लिए बेहद यादगार रहता है। यह समय है एकजुट हो कर शिशु की परवरिश करने का और हर वो माइलस्टोन एन्जॉय करने का जो आगे चल कर आप के लिए सुखद यादें बन कर रह जाएगी।
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