25 Sep 2018 | 1 min Read
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कई सारी धार्मिक मान्यताओं के चलते कई महिलाऐं गर्भावस्था में भी व्रत रखने के लिए प्रतिबद्ध महसूस करती है क्योकि 9 महीने में कोई तीज त्यौहार न आए , ये बात तो संभव नहीं। इसलिए व्रत रखने के साथ यह ज़रुरी है कि आप अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का पूरी तरह ध्यान रखे। विशेषज्ञों की माने तो गर्भावस्था में व्रत करने के बहुत लम्बे समय के और घातक परिणाम भी हो सकते है।
लगभग सभी तरह के व्रत/उपवास में अन्न ग्रहण करना वर्जित होता है परन्तु फलाहार, दूध और मेवे एवं अन्य दूध की बानी मिठाई आप खा सकते है। फल आदि लेने से आपका उपवास भी रह जाता है और आप अपने आहार में बदलाव करके अपने और शिशु के लिए पोषक तत्वों की पूर्ती भी कर सकती है।
इसके विपरीत कुछ उपवास जैसे की करवा चौथ , तीज, रमादान आदि में पानी पीना भी वर्जित होता है। इस समय आपके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह लें। वह आपकी और शिशु की पोषण स्थिति की जांच कर आपको सही सलाह दे पाएंगे।
अगर आपकी आस्था और विश्वास उपवास से जुड़ी हैं तो उसे न कर पाना आपके लिए निराशाजनक हो सकता है लेकिन आप इसके विकल्प सोच सकती हैं। आप उपवास करने के उद्देश्यों के बारे में विचार कर सकती हैं जिससे आप अपने लिए उपवास का एक विकल्प तैयार कर सकती हैं, जैसे की अपनी पसंदीदा चीज़ को छोड़ना या मौन व्रत रखना। इस तरह के उपवास से आप स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सुरक्षित और अच्छा महसूस करेंगी।
इस्लाम धर्म में गर्भवती महिलाओं को उपवास छोड़ने की इजाज़त होती है लेकिन गरीबों को खिलाकर या भोजन दान करके इस उपवास को किया जा सकता है।
अगर आप उपवास रखती हैं तो कुछ बातों का खास ख्याल रखने की ज़रुरत है , जैसे की आपको डिहाइड्रेशन, वोमिटिंग, एसिडिटी, पेट में मरोड़ एवं चक्कर न आए।
अगर ये लक्षण आपको दिखाई देते है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
उपवास के लिए पहले से ही आप अपने कार्यों को निश्चित समय पर पूरा करे ताकि उपवास के दिन काम का अधिक वज़न न हो। व्यायाम, योग या अन्य शारीरिक कार्यों को उस दिन न करें।
उपवास शुरू करने से पहले, पूरे दिन अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए बहुत सारे पानी और ताजे फलों के रस पीएं।
दो से तीन प्रकार के फल खाएं। वे प्राकृतिक खनिजों से लैस होते हैं जो ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में आपकी सहायता करते है। दूध और नारियल का पानी पोषक तत्वों का बहुत बढ़िया स्रोत्र है। उपवास में इसका उपयोग करना गर्भवती महिलाओं एवं उनके बच्चों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है।
धार्मिक आष्टा को सम्मान देते हुए आप उपरोक्त तरीके से उपवास रखे, जिससे आपके और बच्चे के पोषण में कोई कमी नहीं रहेगी। उपवास हमारे मन की शुद्धि के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसे करने से आप बच्चे और खुद के लिए अच्छा महसूस कर सकती है।
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