14 Aug 2018 | 1 min Read
Dr. Jagat Shah
Author | 5 Articles
बच्चों में विषाणुजनित संक्रमण उनको प्रभावित करने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है। श्वास प्रणाली और आंतों का विषाणुजनित संक्रमण सबसे आम है। यह संक्रमित बच्चे से छींकने, खांसी, आम तौलिए, रूमाल आदि के माध्यम से अन्य बच्चों या परिवार के सदस्यों में तेजी से फैलता है।
७ से १० दिनों के भीतर दवाओं के बिना विषाणुजनित संक्रमण से स्वस्थ होना संभव है। एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग तब किया जाता है जब मौजूदा संक्रमण के साथ बैक्टीरियल संक्रमण होता है। सर्दी और खांसी के जैसे , विषाणु शरीर की विभिन्न प्रणालियों पर हमला करते हैं और इसके परिणामस्वरूप हेपेटाइटिस, मेनिंगजाइटिस आदि जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती है ।
विषाणुजनित संक्रमण के लक्षण
अगर प्रतिरक्षा अच्छा होता है तो विषाणुजनित संक्रमण के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। यह आम तौर पर वयस्कों में देखा जाता है। हालांकि, बच्चों में विषाणुजनित के लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
बच्चो में विषाणुजनित बुखार इस संक्रमण को दर्शाता है। कई मामलों में बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते भी होते हैं।
६ महीने से ५ साल के बीच बच्चों में सामान्य विषाणुजनित बीमारियों के उदाहरण में शामिल हैं:
मीज़ल, मम्प्स, रूबेला, चिकन पॉक्स इत्यादि विषाणुजनित संक्रामक बीमारी है जो लंबे समय तक चलने वाले प्रतिकूल प्रभावों के साथ 5 साल तक के बच्चों को प्रभावित करती है।
हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन द्वारा दिए गए टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार टीका लिया जाए तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
विषाणुजनित (वायरल) बीमारियों का उपचार
पर्याप्त आराम, पौष्टिक आहार और शरीर का हाइड्रेशन आपके बच्चे को विषाणुजनित संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
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