10 Aug 2018 | 1 min Read
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माता-पिता होने के नाते, आप निस्संदेह नवजात शिशु की त्वचा पर लाल धब्बे देखकर चिंतित हो सकते हैं। आपके नवजात शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है, इसलिए किसी भी एलर्जी से बच्चे बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। शिशु अपने आस-पास के वातावरण के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होते हैं। बच्चों की त्वचा पर नजर आने वाले अधिकतर चकत्ते हानि रहित होते हैं और अपने आप गायब हो जाते हैं। फिर भी कई बार उनके लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है। आइए, बेबीचक्रा के इस ब्लॉग में जानते हैं कि शिशु की कोमल त्वचा को एलर्जी और रैशेज (Skin rashes in babies) से कैसे बचाएं ?
आपने नवजात शिशुओं की त्वचा की समस्याओं से जूझते हुए देखा होगा। नवजात शिशुओ में स्किन एलर्जी कई टाइप की होती है जिसके कारण और लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं, हम कुछ एक के बारे में बताने का प्रयास कर रहे हैं –
1. नवजात में मुँहासे:
ये छोटे लाल मुहासे होते हैं जो जन्म के एक महीने के भीतर चेहरे पर विकसित होते हैं। ये माँ के हॉर्मोन के संपर्क में आने से होते हैं। ये अपने आप से चले जाते हैं। आमतौर से किसी चिकित्सा की ज़रुरत नही पड़ती।
2. एक्जिमा:
बच्चों में एक्जिमा आमतौर पर जीवन के प्रारंभिक चरण में विकसित होता है, यानी जन्म के छः महीने के भीतर। लाल, खुजली वाले चकत्ते बच्चे की बाहों, छाती, पैर, कोहनी और घुटनों के पीछे विकसित होते हैं। यह उनकी त्वचा को रूखा-सूखा बना सकते हैं। एक्जिमा से बचाव के लिए बच्चों की साबुन में परिवर्तन, त्वचा मॉइस्चराइज़र का उपयोग या बच्चे के कपड़ों के लिए डिटर्जेंट में परिवर्तन करके देखना अच्छा रहता है। बहुत गंभीर मामलों में, दवा की आवश्यकता हो सकती है
3. आर्टिकिया (हाइव्स):
इस एलर्जी के कारण त्वचा पर लाल, खुजली वाले चकत्ते दिखाई दे सकते हैं। यदि आपके बच्चे के खाने के बाद या खाने के दौरान आर्टिकिया विकसित होता है, तो यह उन चीज़ों से जुड़ा हो सकता है जो उन्होंने खाया है। दूध और अंडे आम एलर्जेन हैं। ये चकत्ते आमतौर पर अस्थायी और बहुत कम अवधि में गायब हो जाते हैं।इस एलर्जी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है उन खाने की चीज़ों से परहेज़ करे जिससे एलर्जी होता है।
4. एरिथेमा टॉक्सीसिटी :
ये नवजात शिशु की त्वचा पर लाल धब्बे होते हैं जो जन्म के २-३ दिनों बाद विकसित होता है। यह समस्या आमतौर से नवजात शिशुओ में होती है जो एक सप्ताह के अंदर ठीक हो जाती है।
5. डायपर रैशेज :
यह लाल चकत्ते बच्चे के ग्रोइन एरिया के आस पास के त्वचा में होती है। इससे त्वचा लाल हो जाती है और जलन के साथ यह दर्दनाक भी हो सकते है। इसका सबसे आसान इलाज यह है की ग्रोइन के आस पास की त्वचा को सूखा और साफ़ रखें। हर बार मल , मूत्र के बाद त्वचा अच्छी तरह साफ़ करें और सुनिश्चित करें की बच्चा साफ़, नया डायपर पहन रहा हो। डायपर पहनाने से पहले नारियल तेल या मॉइस्चराइजर का उपयोग करें।
6. हाथ, पैर और मुंह रोग :
यह सबसे आम वायरल संक्रमणों में से एक है जो बच्चों को प्रभावित करता है। इसमें बुखार के साथ त्वचा पर लाल धब्बे हो जाते हैं। इन चकत्तों को आमतौर पर हथेलियों , तलवों और मुँह के चारो ओर देखा जा सकता है। यह मुंह में अल्सर का कारण बन सकते हैं। हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का उपचार पूरी तरह से लक्षण पर निर्भर करता है।
7. दाद :
यह एक कवक संक्रमण है। यह शरीर के किसी भी हिस्से पर लाल गोलाकार चकत्ते बनाता है। प्रभावित सबसे आम क्षेत्रों में बच्चे के खोपड़ी, पैर और ग्रोइन हैं। इसके लिए उपयुक्त एंटीफंगल दवा की आवश्यकता होती है। एंटीफंगल लोशन और दवा 2 सप्ताह के भीतर संक्रमण को साफ़ करने में मदद करती है।
8. खाज:
खुजली या स्कैबीज छोटे जीवाणुओं के कारण होती है जो त्वचा में घर करते हैं। हैं। खाज अत्यधिक संक्रामक है। यह तलवों, बगल या जननांगों पर बेबी की त्वचा पर छोटे लाल खुजली वाले धब्बे विकसित करती है। इसके अच्छी मेडिकल देखभाल की भी आवश्यकता है। यह बच्चे को दोबारा नहीं हो इसके लिए पूरे परिवार को एक ही समय में इलाज कराना जरूरी होता है।
9. स्लैपेड चीक सिंड्रोम :
यह एक वायरल संक्रमण है जो बच्चे के दोनों गालो पर लाल चकत्ते का कारण बनता है। बच्चे को बुखार भी हो सकता है। यह आमतौर पर एक हल्की परेशानी होती है और शिशु तक सीमित होती है। यह एक हफ्ते के समय में अपने आप ख़तम हो जाता है।
10. घमौरियाँ:
बच्चों में घमौरिया अत्यधिक गर्मी या पसीने से हो सकती है। यह बच्चे के पसीने ग्रंथियों में होने वाले ब्लॉकेज के कारण होती है और त्वचा पर लाल छोटे फफोले के रूप में दिखाई दे सकती है। यह आमतौर पर किसी भी दवा के बिना कुछ घंटों में या कुछ दिनों गायब हो जाती है।
बच्चे के रैशेज के बारे में कब चिंतित हों ?
यदि आपके बच्चे के शरीर पर द्रव से भरे फफोले या शरीर पर छोटे लाल बैंगनी बिंदुओं (पेटेचिया) के साथ अन्य लक्षण मौजूद होते हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इन लक्षणों में बुखार, खाना न खाना, अत्यधिक रोना, खांसी या सुस्ती शामिल हैं।
बच्चों के चकत्ते होने से कैसे रोकें?
अधिकांश चकत्ते संक्रामक नहीं होते हैं और कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाते हैं लेकिन फिर भी बच्चे को उनसे काफी असुविधा उठानी पड़ती हैं। इसलिए हम यहाँ इनसे बचाव के कुछ टिप्स यहाँ दे रहे हैं –
चूंकि अधिकांश चकत्ते हानिरहित, आत्म-सीमित और काम समय तक रहने वाले होते हैं अतः किसी भी उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हालांकि, कुछ चकत्ते केवल उचित उपचार से ही ठीक ही सकते हैं। जीवाणु और फंगल संक्रमण में क्रमशः एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल दवाओं से ठीक हो सकते हैं, जबकि एलर्जिक चकत्ते ओरल एंटीहिस्टामाइन के उपयोग से ठीक हो जाते हैं। ठंडे पानी से स्नान खुजली को काम करने में मदद करता है, और स्नान के बाद कैलामाइन लोशन लगाने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
तो इस ब्लॉग में आपने जाना कि नवजात में त्वचा विकार (Infant skin rash in hindi) को कैसे पहचानें। इसके कारणों को पहचानना इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है ताकि एलर्जी का उपचार ठीक प्रकार से किया जा सके। अगर, इलाज के दौरान, आपका बच्चा कोई अन्य लक्षण विकसित करता है या यदि चकत्ते ज्यादा हो जाते हैं, तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श लें।
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बैनर छवि का स्रोत: एनएचएस(nhs)
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