27 Jul 2018 | 1 min Read
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प्रेगनेंसी में कमर दर्द होना आम है लेकिन इस दर्द की वजह से महिलाओं को बहुत प्रॉब्लम होती है. कमर दर्द की वजह से वो कई बार ख़ुद को बंधा हुआ महसूस करती हैं. प्रेगनेंसी में कमर दर्द गर्भ में बढ़ते बच्चे के लिए शरीर में होने वाले बदलावों की वजह से होता है.
50 प्रतिशत से ज़्यादा Cases में कमर दर्द होता है, बहुत कम महिलाएँ होती हैं, जिन्हें ये समस्या नहीं होती।
ज़्यादातर केसेस में बैकपेन दो तरह का होता है. एक कमर के दोनों तरफ़, जिसमें दर्द से ज़्यादा चुभन सी होती है. ये दर्द कमर से होता हुआ, हिप्स, जाँघों, पैर की तरफ़ जाता है, लेकिन तलवों तक नहीं पहुँचता। जबकि दूसरी तरह का दर्द सिर्फ़ टेलबोन की तरफ़ होता है. ये दर्द तलवों की तरफ़ भी बढ़ सकता है.
कई महिलाओं को सोते हुए कमर के निचले हिस्से में, जबकि कुछ को सिर्फ़ ऊपरी हिस्से में दर्द होता है. प्रेगनेंसी में कमरदर्द के लिए दवाई देना मन ही किया जाता है, क्योंकि इसके साइड इफ़ेक्ट ज़्यादा होते हैं. कई बार कमर दर्द प्रेगनेंसी के बाद भी होता है. इसके लिए एक्सरसाइज और थेरेपी की सलाह दो जाती है.
प्रेगनेंसी के दौरान रिस्क फ़ैक्टर
प्रेगनेंसी से पहले अगर आपक कमर दर्द है, तो इस दौरान और अधिक होता। इसके अलावा आपकी लाइफस्टाइल, खान-पान, अत्यधिक शरीरिक एक्टिविटी से भी कमर दर्द हो सकता है.
प्रेगनेंसी में बैकपेन किन वजह से होता है?
बढ़ते वज़न और बच्चे की ग्रोथ के कारण स्पाइन और बैक पर प्रेशर पड़ता है, जिसकी वजह से स्पाइन का कर्व बढ़ता है. इसकी वजह से ग्रेविटी का सेंटर आगे की तरफ़ शिफ़्ट होता है, ताकि बढ़े हुए वज़न और पेट के आकर को बैलेंस कर सके.
प्रेगनेंसी में शरीर में एक हॉर्मोन निकलता है जिसे रिलैक्सिन कहते हैं. इस हॉर्मोन की वजह से कमर और पेल्विस की मांसपेशियाँ और लिगामेंट्स कमज़ोर और ढीले ही जाते हैं, ताकि जन्म देने की प्रक्रिया में सहायता हो सके. इसकी वजह से जोड़ की जगहों पर दर्द होता है और यही दर्द बैकपेन का कारण बनता है.
पेट बढ़ने की वजह से पेट की मांसपेशियाँ खिंचती हैं और टेंशन उत्पन्न होती है, जिस वजह से दर्द होता है.
प्रेगनेंसी में कमर दर्द को दूर कैसे करें:
हलकी एक्सरसाइज जैसे वॉक करें, इससे मसल्स मज़बूत रहती हैं और दर्द की सम्भावना कम रहती है. प्रेगनेंसी में बैकपेन के लिए सबसे सही एक्सरसाइज स्विमिंग है.
कमर न झुकें। बल्कि घुटने झुका कर बैठें या जो भी काम करना है करें।
सख़्त गद्दे पर एक करवट हो कर सोएँ। इससे पेट को आराम मिलेगा।
सोते हुए कमर के नीचे दो तकिया रखें और काम करते हुए भी कमर को आराम देने के लिए कुशन रखें।
ठंडी या गर्म सिकाई करें, इससे कमर को आराम मिलेगा।
दवाईयों की जगह Acupuncture ज़्यादा आरामदायक है.
डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद किसी भी तरह से मेडिकल सलाह, परिक्षण या डॉक्टरी जाँच को नज़रअंदाज़ करना नहीं है, किसी भी तरह की परेशानी में सबसे पहले डॉक्टरी सलाह लें.
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