17 Jul 2018 | 1 min Read
Dr. Jagat Shah
Author | 5 Articles
बच्चों को एलर्जी किसी भी चीज़ से हो सकती है. वो खाने की चीज़ों, जैसे दूध या दुग्ध पदार्थ, नट्स, सीफ़ूड से हो सकती है. या फिर धूल, मिट्टी, कीड़े, परागकण। कई बार ये एलर्जी किसी ऐसी चीज़ से भी होती है, जिन्हें एलर्जी का कारण नहीं माना जाता, जैसे दवाईयाँ। बच्चों को एलर्जी किसी भी वक़्त हो सकती है, इसका कोई फ़िक्सड टाइम नहीं है. एलर्जी से बचने के लिए बच्चों को एंटी-हिस्टामाइन, डीकन्जेस्टन्ट्स, नाक में डालने वाले स्प्रे दिए जाते हैं.
बच्चों में कॉमन एलर्जी
बच्चों को या तो खाने से एलर्जी होती है, या फिर बाहरी तत्वों से. घर के अंदर बच्चों को एलर्जी कारपेट की धूल, घर में हो रहे पेंट, सा पेंट के कणों से, कपड़ों के रेशे, कपड़ों का गंदा हिस्सा, किसी से भी हो सकती है. कभी-कभी मौसम की वजह से बच्चों को एलर्जी होती है, जिसे है फ़ीवर या मौसमी बुखार कहते हैं. ये बाहरी तत्वों, जैसे पेड़ के गिरे हुए हिस्सों, परागकणों, हवा में मौजूद वीड, घास से भी होता है.
एलर्जी के लक्षण कुछ ऐसे होते हैं:
ज़ुखाम या छींक
गले में दर्द, खुजली या नाक में खुजली
बंद नाक
खाँसते रहना
बच्चों में कॉमन फ़ूड एलर्जी क्या होती हैं?
बच्चों में सबसे ज़्यादा दूध से एलर्जी होती है और कई बार बाकी चीज़ों से भी. जैसे,
सोया
अंडा
मच्छी
नट्स जैसे काजू, अखरोट, पिस्ता मूंगफली
नट्स या फ़ूड एलर्जी के लक्षण आसानी से पकड़े जा सकते हैं:
छोटे-छोटे चक्कते या स्किन में खुजली
मुँह या उसके आस-पास खुजली या जलन
मितली
बंद नाक या बहती नाक
Anaphylaxis – ये एक तरह का जानलेवा रिएक्शन होता है, जिसे गले में सूजन होने लगती है, साँस लेने में ज़्यादा दिक्कत होने लगती है, BP गिर जाता है, पड़ जाती है, होंठ नीले हो जाते हैं और चक्कर आने लगते हैं.
इन चीज़ों को पकड़ना और उसके लिए एहतियात रखना एक माँ ज़िम्मेदारी है. उसे एक रिकॉर्ड बना कर रखना चाहिए कि उसके बच्चों को किन चीज़ों से एलर्जी है.
मिल्क प्रोटीन से एलर्जी और मिल्क इन्टॉलरेंस, क्या ये एक ही चीज़ होती है?
दूध के किसी एक या ज़्यादा प्रोटीन जब बॉडी नहीं मैनेज कर पाती, तो उसे मिल्क एलर्जी हैं, जैसे कई बारे लोगों को गाय के दूध से एलर्जी होती है. जबकि मिल्क इनटॉलरेंस दूध को किसी चीज़ में मिला न पाने से होता है, इसमें इम्यून सिस्टम का कोई लेना-देना नहीं होता।
दूध से होने वाले एलर्जी के लक्षण आसानी से पता लग जाते हैं, जैसे दूध पीने के बाद उलटी आना, पेट मे दर्द होना, दस्त लगना, रैशेस होना, साँस लेने में दिक्कत या एग्ज़ीमा। दूध के प्रोटीन से होने वाली एलर्जी में पेट फूलना, पेट दर्द, उलटी, दस्त ज़्यादा होते हैं. दोनों को कई बार एक ही समझा जाता है, इसलिए इनके अलक्षणों को समझना ज़रूरी है, ताकि आप दोनों में फ़र्क कर सकें। जैसे रैशेस, साँस लेने में दिक्कत, पित्त होना, ये दूध के प्रोटीन से होने वाली एलर्जी में होते हैं.
बच्चे को किसी भी तरह की एलर्जी पकड़ में आते ही डॉक्टर को दिखाएँ और उनसे इस पर सलाह ज़रूर लें. इसके लिए उपचार से ज़्यादा परहेज़ बेहतर होता है.
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