24 May 2018 | 1 min Read
Ankita Mishra
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माँ के गर्भाशय के अंदर नौ महीने तक भ्रूण का विकास जिस तरह से होता है, वह एक अनोखी कल्पना जैसी ही होती है। इस पूरे समय में बच्चे का शरीर कैसे विकसित होता है, गर्भ में बच्चे की धड़कन कब आती है (Bacche Ki Dhadkan) या किस तरह उसकी आंख, कान और नाक का विकास होता है, यह जानना बहुत ही रोमांचित होता है। पुराने लेख में बच्चे की ग्रोथ की जानकारी देने के बाद अब आपको इस लेख में हम बच्चे की धड़कन कितने दिन बाद आती है (Bacche Ki Dhadkan Kab Banti Hai), इसकी जानकारी दे रहे हैं।
गर्भधारण के 3 सप्ताह के बाद शिशु की हार्ट मसल यानी हृदय की मांसपेशी के ऊतकों का निर्माण होने लगता है। इसे मायोकार्डियम (Myocardium) भी कहते हैं। इस दौरान बहुत ही ध्यान से डॉक्टर डॉप्लर मशीन से बच्चे की हार्टबीट को सुन सकते हैं।
हालांकि, आमतौर पर लगभग 6 सप्ताह के बाद डॉप्लर मशीन से बच्चे की हार्टबीट को बहुत ही आराम से ट्रैक किया जा सकता है और बच्चे की धड़कन को गर्भाशय से सुना जा सकता है। फिर जैसे-जैसे गर्भावस्था का चरण बढ़ता है, वैसे-वैसे बच्चे की हार्टबीट बिना उपकरण के भी सुनाई दे सकती हैं।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, माँ के गर्भ में अगर एक मिनट तक भ्रूण का दिल 120 से 160 बार के बीच धड़कता है (Bacche Ki Dhadkan Kitni Hoti Hai), तो इसे नॉर्मल हार्ट बीट मानी जा सकती है।
माँ के गर्भाशय में बच्चे की धड़कन को सुनने व इसकी निगरानी करने के लिए (Bacche Ki Dhadkan Kaise Sune) डॉक्टर डॉप्लर डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए गर्भवती महिला के पेट के ऊपर इस डिवाइस को लगाया जाता है, जो एक मॉनिटर में बच्चे के दिल की धड़कन को रिकॉर्ड करता है।
इसके अलावा, निम्नलिखित तरीकों से भी बच्चे की हार्टबीट की निगरानी की जा सकती है, जैसेः
यह डिवाइस पूरी तरह से माँ और गर्भ के बच्चे के लिए सुरक्षित होती है और इस्तेमाल में भी आसान होती है।
आमतौर पर माँ के गर्भ से सीधे तौर पर कानों से बच्चे की हार्टबीट को सुनना संभव नहीं है। हालांकि, डॉप्लर की मदद से आसानी से बच्चे की हार्टबीट कोई भी सुन सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के आखिरी महिनों में माँ के गर्भ में बच्चे के दिल की धड़कने साफ-साफ सुनाई दे सकती हैं। गर्भ से सुनने पर बच्चे के दिल की आवाज किसी घोड़े के दौड़ने जैसी हो सुनाई दे सकती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे की हार्टबीट में बदलाव भी हो सकता है, जो विभिन्न स्थितियों पर निर्भर कर सकता है, जैसेः
ऐसी कई वजहें हैं, जिनके कारण प्रसव या लेबर के दौरान भ्रूण की हार्टबीट की निगरानी करनी जरूरी होती हैः
गर्भ में बच्चे की धड़कन कब आती है, जाहिर है इसकी उचित जानकारी आपको इस लेख से मिली होगी। एक बात का ध्यान रखें कि बच्चे की धड़कन कितने दिन बाद आती है, यह गर्भ धारण के हफ्तों पर ही पूरी तरह से निर्भर करती है, क्योंकि गर्भधारण के हफ्तों के आधार पर ही माँ के गर्भ में शिशु का विकास होता है। अगर किसी कारणवश गर्भवती महिला को सांस से जुड़ी कोई परेशानी हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और माँ के साथ ही गर्भस्थ शिशु में ऑक्सीजन लेवल की जांच कराएं।
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