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आपका बच्चा उछल-कूद मचाने वाला हीरो है या सोने वाला मासूम बच्चा, इसका पता लगाएं नॉन-स्ट्रेस टेस्ट से (Nst Test In Hindi)

आपका बच्चा उछल-कूद मचाने वाला हीरो है या सोने वाला मासूम बच्चा, इसका पता लगाएं नॉन-स्ट्रेस टेस्ट से (Nst Test In Hindi)

22 May 2018 | 1 min Read

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Author | Articles

अपने गर्भ में एक नन्हीं जान को 9 महीने तक पालने वाली मां, जब पहली बार अपने बच्चे को देखती है, तो उसकी ख़ुशी का मुक़ाबला आप दुनिया की किसी चीज़ से नहीं कर सकते। हालांकि इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि मां बनने के वो 9 महीने हंसी और आंसू दोनों लेकर आते हैं। उसके बच्चा जब पहली बार गर्भ में होने की उपस्तिथि दर्ज कराता है, तो मां-बाप के लिए वो पल यादगार बन जाता है।

प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे की हेल्थ मॉनिटर करने के लिए कई तरह के टेस्ट किये जाते हैं, जिनमें से एक है नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (Non-Stress Test)। प्रेगनेंसी में नॉन स्ट्रेस टेस्ट (Nst Test In Pregnancy) क्या है और इसे क्यों करते हैं, ये जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ें –

नॉन स्ट्रेस टेस्ट (Nst) क्या है?

ये लगभग सोनोग्राफ़ी जैसा है यानि यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जिसका उपयोग गर्भावस्था में भ्रूण की हृदय गति और उसकी प्रतिक्रिया जानने के लिए किया जाता है। इसमें कोई चीर-फाड़ नहीं होती, और बच्चे के मूवमेंट, उसकी सांस लेने की क्षमता को देखा जाता है। गर्भ में बच्चे का हार्ट रेट भी इसी से पता किया जाता है। इसे नॉन-स्ट्रेस इसलिए कहते हैं, क्योंकि इससे बच्चे को कोई स्ट्रेस नहीं होता।

नॉन स्ट्रेस टेस्ट (NST) कब किया जाता है?

जन्म से पहले बच्चे की हृदय गति की जांच के लिए किया जाने वाला नॉन स्ट्रेस टेस्ट (NST) गर्भावस्था के अंतिम पड़ाव पर किया जाता है। यह परीक्षण आमतौर पर गर्भावस्था के तीसरे तिमाही में किया जाता है, ख़ासतौर पर गर्भावस्था के 38 और 42 सप्ताह के बीच।

नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) क्यों किया जाता है? – What Is The Purpose Of NST (Non Stress Test) In Hindi?

गर्भ में पल रहे बच्चे का हार्ट रेट, समय-समय पर बदलता रहता है। इसलिए ये जानना ज़रूरी है कि वो एक्टिव है या नहीं। प्रेगनेंसी के आखरी कुछ महीनों में क्योंकि उसका मूवमेंट बढ़ जाता है, इसलिए उसकी हार्ट पहले के मुक़ाबले ज़्यादा होती है। गर्भावस्था में नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (Nst Test In Pregnancy) का एक मुख्य रोल बच्चे तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन सप्लाई को भी देखना है, क्योंकि उसी पर उसकी हार्ट बीट निर्भर करती है। कुल मिलाकर नॉन स्ट्रेस टेस्ट (NST) गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है।

नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) से पहले की तैयारी? – How to Prepare For NST (Non Stress Test) In Hindi?

आपको किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है। नॉन स्ट्रेस टेस्ट (NST) के लिए फास्ट रखने की या ब्लैडर फुल होने की बाध्यता नहीं होती है। आपको बस अल्ट्रासाउंड के लिए सुविधाजनक कपड़े पहनने होते हैं।

नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) कैसे किया जाता है? – How Is The NST (Non Stress Test) Done In Hindi?

यह टेस्ट हॉस्पिटल के प्री-नेटल केयर लैब या रेडोयोलॉजी डिपार्टमेंट में होता है। नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (Nst Test In Pregnancy) की प्रोसेस इस प्रकार हो सकती है –

  • आपको एक आरामदायक पीछे झुकी कुर्सी पर बैठने या टेस्टिंग टेबल पर लेटने के लिए कहा जाएगा।
  • डॉक्टर आपके पेट के ऊपर की त्वचा पर एक विशेष जेल लगाएंगें।
  • इसके बाद पेट के चारों ओर दो बेल्ट जैसे उपकरण पहनाएं जाते हैं। एक आपके बच्चे के दिल की धड़कन को मापेगा। दूसरा आपके कान्ट्रेकशन को रिकॉर्ड करेगा।
  • डॉक्टर, अल्ट्रासाउंड डिवाइस को आपके पेट के ऊपर तब तक घुमाएगा जब तक कि बच्चे के दिल की धड़कन नहीं मिल जाती।
  • बच्चे की हृदय गति एक मॉनिटर पर दर्ज की जाएगी, जबकि आपके संकुचन कागज पर लिख लिए जाएंगे।
  • जब आप महसूस करें कि आपका बच्चा हिल रहा है, तो आपको डिवाइस पर एक बटन दबाने के लिए कहा जा सकता है। यह बच्चे की मूवमेंट के दौरान उसकी हृदय गति को रिकॉर्ड करने में मदद करता है।
  • यह परीक्षण आमतौर पर लगभग 20 मिनट तक चल सकता है।
  • यदि आपका शिशु स्कैन के दौरान हिल-डुल नहीं रहा है, तो हो सकता है कि वह सो रहा हो। बच्चे को जगाने के लिए, डॉक्टर आपके पेट के ऊपर एक छोटा बजर या नोइसमेकर लगा सकता है। यह बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाएगा बल्कि नींद से जागने के लिए उसे प्रेरित करेगा। खाना खाने और मीठा पेय पीते हैं तो भी आपका शिशु भी जाग सकता है। यहाँ जानिए – नवजात को सुलाने के उपाय
  • जांच के बाद यह बेल्ट हटा दी जाती है और डॉक्टर आपसे इस टेस्ट के रिजल्ट को डिसकस करता है।

नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) के परिणाम का क्या मतलब है? – What Do The Results Of NST (Non Stress Test) Mean In Hindi?

जब भी गर्भावस्था में नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (Nst Test In Pregnancy In Hindi) किया जाता है, तो उसके दो परिणाम होते हैं या यूं कहें, उसे दो कैटेगरी में रखा जाता है। पहला है रिएक्टिव NST, दूसरा नॉन-रिएक्टिव NST।

रिएक्टिव NST

टेस्ट के दौरान अगर बच्चे का मूवमेंट हो रहा है, तो वो रिएक्टिव NST होता है। इसे नॉर्मल समझा जाता है कि बच्चा मूव कर रहा है, उसका हार्ट रेट बेहतर है। प्रेगनेंसी के 32वें हफ़्ते से पहले हार्ट रेट अगर तय मानक के हिसाब से बढ़ा हुआ है या अगर बच्चे का मूवमेंट औसतन 20 मिनट है, तो उसे रिएक्टिव या नॉर्मल माना जाता है। 32 महीने के बाद से हार्ट बीट तय मानक के हिसाब से 20 मिनट के मूवमेंट में 15 सेकंड्स या उससे ज़्यादा होनी चाहिए। ये दर्शाता है कि बच्चा बढ़ रहा है।

फिर नॉन-रिएक्टिव NST क्या हुआ ?

इसका मतलब कि 20 मिनट के मूवमेंट में बच्चे का हार्ट रेट तय मानक के हिसाब से नहीं बढ़ा, या बच्चे का मूवमेंट तय मानक के हिसाब से नहीं बढ़ा। इस केस में 20 मिनट का ये टेस्ट बढ़ाकर 40 मिनट तक कर दिया जाता है, क्योंकि कई बार टेस्ट क दौरान बच्चा सोया रहता है। बच्चे को उठाने की कोशिश भी की जाती है। इसके बाद भी अगर बच्चे का हार्ट रेट न बढ़े या मूवमेंट न हो, तो डॉक्टर एक दूसरे टेस्ट की सलाह देते हैं। अगर एस्टीमेटड डेट ऑफ़ डिलीवरी (EDD) नज़दीक हो, तो डॉक्टर कई केस में जल्दी डिलीवरी करने की सलाह देते हैं।

नॉन-रिएक्टिव NST है, तो डरें नहीं

अगर NST नॉन-रिएक्टिव आये, तो इसका सिर्फ़ मतलब ये है कि बच्चे का हार्ट रेट नहीं बढ़ा है। ये टेस्ट बच्चे की पूरी हेल्थ को नहीं दर्शाता, इसलिए घबराएं नहीं।

इसका अर्थ ये हुआ कि इस पूरे टेस्ट के दौरान बच्चा एक्टिव नहीं था या फिर सोया हुआ था। अगर ऐसा नहीं है, तो बच्चे तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन और ब्लड लेवल की मात्रा कम है। इस कंडीशन को फ़ीटल हाईपॉक्सिया कहा जाता है। इसके कारण गर्भवती का धूम्रपान करना, एक ख़ास तरह की दवाईयां लेना या फिर बच्चे को हृदय या न्यूरोलॉजिकल Abnormality होना है।

एक नॉन-रिएक्टिव NST के बाद आपका डॉक्टर समय-समय पर NST करवाने की सलाह देगा। इससे बच्चे के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी इकट्ठा करने और उसकी हेल्थ का पता लगाने के लिए डॉक्टर Contraction Stress Test करने भी कह सकते हैं।

  • नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) की क्‍या कीमत है? – How Much Does An NST (Non Stress Test) Cost In Hindi?

हर अल्ट्रासाउंड लैब या रेडियोलॉजिस्ट, नॉन-स्ट्रेस टेस्ट के लिए अलग-अलग फीस लेते हैं। फिर भी यह टेस्ट 300 से लेकर 1000 रूपये के बीच हो जाता है। लोकल हॉस्पिटल का चार्ज कम हो सकता है जबकि बड़े अस्पतालों में सुविधाओं की वजह से यह स्कैन महंगा हो सकता है।

तो गर्भावस्था में नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (Nst Test In Pregnancy In Hindi) से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपको मिल गयी होगी, ऐसी आशा है। गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच के महत्व को कभी कल पर नहीं टालना चाहिए। गर्भवती महिला को अगर कुछ असामान्य अनुभव होते हैं तो उसे तुरंत हेल्थ केयर वर्कर से सलाह लेनी चाहिए ताकि जल्दी सही डिसीजन लिया जा सके। यह गर्भस्थ शिशु और माँ दोनों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी ही साबित होता है। अधिक जानकारी के लिए ये भी पढ़ें – Amniotic Fluid in Hindi

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