27 Apr 2018 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
महिलाओं को मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) होने की आशंका अधिक होती है। हर 2 महिला में से 1 महिला को और 20 में से एक पुरुष को मूत्र मार्ग संक्रमण हो सकता है। कुछ को कई वर्षों तक यह समस्या रहती है और कुछ मूत्र मार्ग संक्रमण के इलाज से एक ही हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। मूत्र मार्ग संक्रमण को बेहतर तरीके से समझने के लिए इस लेख को आगे पढ़िए।
जब मूत्र मार्ग के आसपास कीटाणुओं की वृद्धि होती है तब UTI होता है। इंग्लिश में मूत्र मार्ग को यूरिनरी ट्रैक्ट कहते हैं। इसमें गुर्दे, मूत्राशय और मूत्रमार्ग शामिल हैं। अधिकांश मूत्र संक्रमण मूत्राशय तक ही सीमित होते हैं और जीवन के लिए खतरा नहीं बनते। गंभीर होने पर यह संक्रमण योनि और गुर्दे तक फैल सकता है।
गुर्दे बीन के आकार के 2 अंग होते हैं। ये रीढ़ के दोनों ओर आपकी पसलियों के नीचे और पेट के पीछे होते हैं। जैसे ही रक्त गुर्दे से बहता है, वो अपशिष्ट को हटाते हैं और इसे मूत्राशय में पेशाब के रूप में जमा कर देते हैं।
मूत्राशय (bladder) शरीर में पेट और जांघों के बीच होता है। मूत्रमार्ग, वह ट्यूब है जो मूत्राशय से और शरीर से पेशाब को बाहर निकालती है। इसलिए यूटीआई से गुर्दे भी संक्रमित होते हैं।
यूरिन इंफेक्शन के चार प्रकार होते हैं। इनके बारे में हम आगे बता रहे हैं।
आगे समझते हैं कि यूरिन इन्फेक्शन क्यों होता है।
मूत्र मार्ग संक्रमण का कारण ई.कोली बैक्टीरिया होते हैं। वैसो तो मूत्र मार्ग में जीवाणु नहीं होते, लेकिन आंतों और गुदाद्वार से कीटाणु मूत्र मार्ग में प्रवेश करते हैं, जिससे संक्रमण होता है। बैक्टीरिया के मूत्राशय में प्रवेश करने का जोखिम बढ़ाने वाली चीजें :
यूरिन इन्फेक्शन क्यों होता है जानने के बाद आगे यूटीआई के लक्षण जानिए।
यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण (Urine infection symptoms in hindi) बहुत सारे हैं। किसी को इनमें से कुछ यूटीआई के लक्षण (Urine infection ke lakshan) नजर आते हैं, तो कुछ में सभी यूरिन इन्फेक्शन सिम्पटम्स दिखते हैं।
यूटीआई के जोखिम क्या हैं, जानने के लिए लेख को आगे पढ़ें।
इन्हें यूरिन इन्फेक्शन के नुकसान की तरह भी देखा जाता है। आगे यूटीआई की जांच के बारे में जानते हैं।
निम्नलिखित परीक्षणों से पेशाब के नमूने की मदद से मूत्र मार्ग संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
यूरिनलिसिस से पेशाब में मौजूद बैक्टीरिया और केमिकल जैसे नाइट्राइट की जांच की जाती है। इसे सिर्फ यूरिन इन्फेक्शन टेस्ट नाम से भी लोग जानते हैं।
यूरिन कल्चर टेस्ट से भी मूत्र मार्ग संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। इस परीक्षण से बैक्टीरिया की पहचान होती है और सही एंटीबायोटिक के चुनाव में मदद मिलती है। यूरिन इन्फेक्शन टेस्ट नाम में यह भी शामिल है।
मूत्र प्रणाली की दूसरी समस्याओं का पता लगाने के लिए निम्नलिखित परीक्षण की भी आवश्यकता पड़ सकती है:
अब एक नजर डालते हैं यूरिन इन्फेक्शन कैसे ठीक होता है पर।
आमतौर पर मूत्र संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक्स से होता है। कौन-सी एंटीबायोटिक और कितने दिन के लिए लेनी है, यह यूटीआई की गंभीरता पर निर्भर होता है। आमतौर पर तीन दिन की दवा बहुत होती है पर कुछ रोगियों को सात दिन दवाई खानी पड़ सकती है। लोग अक्सर यूरिन इन्फेक्शन मेडिसिन इन हिंदी की तलाश में रहते हैं, लेकिन खुद से कोई दवाई नहीं लेनी चाहिए।
यूरिन इन्फेक्शन ट्रीटमेंट के बाद आगे इसके बचाव से जुड़ी जानकारी पढ़ते हैं।
मूत्र पथ संक्रमण के जोखिम को कम करने में उपयोगी कुछ टिप्स शामिल हैं –
आगे है यूरिन इन्फेक्शन से बचने के उपाय।
यूरिन इंफेक्शन होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यूरिन इन्फेक्शन में घरेलू उपाय मददगार नहीं होते हैं। हां मूत्रमार्ग को साफ और बैक्टीरिया से बचाने के लिए बाथ टब में पानी भरकर उसमें टी ट्री ऑयल की एक से दो बूंदें डालकर उसमें कुछ देर बैठें। दरअसल, टी ट्री ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होता है। इससे मूत्राशय संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोक सकता है।
यूरिन इन्फेक्शन में घरेलू उपाय करने से ज्यादा योनिक क्षेत्र को स्वस्थ रखने की कोशिश करनी चाहिए। यहां हमने आगे कुछ टिप्स बताए हैं –
पेशाब में इन्फेक्शन क्यों होता है, यह आप समझ ही गए होंगे। यूटीआई में अपने जननांग को स्वस्थ रखना सबसे जरूरी है। अब आगे हम यूटीआई से संबंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल के जवाब दे रहे हैं।
उपचार शुरू होने के 24 से 48 घंटों के भीतर मूत्राशय संक्रमण के लक्षण दूर हो जाते हैं। यदि गुर्दा संक्रमण है, तो यूटीआई लक्षण को दूर होने में 1 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है।
बार-बार पेशाब करने की इच्छा, पेशाब करते समय दर्द होना, पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस होना, आदि।
डिहाइड्रेशन का कारण बनने वाले किसी भी खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ का सेवन से बचना चाहिए। इस दौरान मसालेदार खाने से भी बचना चाहिए।
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